अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की आने की अशंका तेज हो गई है. जहां एक तरफ उत्त्तराखंड में कंवाड यात्रा को दूसरे साल भी रद्द कर दिया गया है. वहीं दुसरी ओर उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को मंजूरी दे दी गई, जिसके बाद इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान संज्ञान में लिए गए मामले पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि कांवड़ यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती है. केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि योगी सरकार को शिवमंदिरों तक गंगा जल उपलब्ध कराना चाहिए और कोरोना को देखते हुए हरिद्वार से कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं देनी चाहिए.
केंद्र सरकार की सुनवाई में जवाबदेही
बता दे कि सुनवाई के दौरान जवाब में आज जहां केंद्र सरकार ने कांवड़ यात्रा को इजाजत देने से इनकार कर दिया और योगी सरकार को रास्ता सुझाया कि कैसे शिवभक्तों तक गंगाजल पहुंचाया जा सकता है. वहीं कोरोना के चलते उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा पर पहले ही रोक लगा
दी है.
SC ने जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों का अलग-अलग फैसला लोगों को भ्रमित करने वाला है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और शुक्रवार को सुबह 11.30 से दोपहर 12 बजे के बीच सुनवाई होगी और उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा अपना पक्ष रखा जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले हफ्ते कांवड़ यात्रा की सुरक्षा और तैयारियों का जायजा लेने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की थी.
सख्ती से होगा गाइडलाइन का पालन- यूपी स्वास्थ्य मंत्री
गौरतलब है की श्रावण माह शुरू होने के साथ ही निकाली जाने वाली कांवड़ यात्रा हर साल अगस्त के पहले सप्ताह तक चलती है और इस दौरान उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों से लाखों की संख्या में शिवभक्त गंगा जल लेने उत्तराखंड स्थित हरिद्वार आते हैं. वहीं यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप ने कहा कि आगामी 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरु होगी और इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा. हर साल निकाली जाने वाली कावड़ यात्रा के लिए जिला स्तर पर अधिकारियों द्वारा तैयारी की जा रही है.
Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments